सोमवार, 16 मई 2011

प्रकाश मेहरा : हँसता हुआ जो चला गया

हिंदी फिल्मो के सुपरचित फिल्मकार  प्रकाश मेहरा का जन्म उत्तरप्रदेश के बिजनौर में हुआ था| प्रकाश जी ने 50 के दशक में अपने फिल्मी जीवन की शुरूआत 'प्रोडक्शन कंट्रोलर'  की हैसियत से की थी. 1968 में उन्होंने शशि कपूर,बबिता  की फिल्म हसीना मान जायेगी(कोमेडी) का निर्देशन किया जिसमें शशि कपूर ने 'डबल' रोल किया था |इसके बाद 1971 में उन्होंने में मेला का निर्देशन किया जिसमें फ़िरोज़ खान  और संजय खान ने मुख्य भूमिका निभाई थी| 1973 में उन्होंने अमिताभ बच्चन ,प्राण,जया भादुरी,   को लेकर ज़ंजीर का निर्माण और निर्देशन किया. यह फिल्म जबरदस्त हिट रही और इस फिल्म ने अमिताभ के डवांडोल कैरियर को पटरी पर ला दिया| इस फिल्म से अमिताभ के साथ प्रकाश मेहरा का रिश्ता गहरा हो गया और दोनों ने लगातार सात 'सुपरहिट' फिल्में दी |प्रकाश मेहरा ने बाद में ज़िन्दगी एक जुआ  फिल्म बनाई, अनिल कपूर  और माधुरी जैसे स्टारों के बावजूद यह फिल्म कमाल नहीं दिखा पाई|1996 में  वापसी की कोशिश में प्रख्यात अभिनेता राजकुमार  के बेटे पुरु राजकुमार को लेकर ब्रह्मचारी बनाई, लेकिन यह फिल्म भी 'असफल' रही| यह उनके निर्देशन की आखिरी फिल्म थी| बाद में उन्होंने मिथुन चक्रबर्ती दलाल फिल्म का निर्माण किया, एक सफल फिल्म साबित हुई| इसके बाद फिल्मे नहीं की |

इंडियन  मोशन पिक्चर्स डायरेक्टर्स एसोसिएशन ने 2006 में प्रकाश मेहरा को  'लाइफ टाइम्स अचिवेमेंट 'अवार्ड से सम्मानित किया,फिर सन 2008 में इसी संस्था ने उन्हें 'प्रोडूसर' से रूप में यह अवार्ड दिया |

17 मई 2009 को निमोनिया और दूसरी बीमारियों के कारण मुंबई में उनकी मृत्यु हो गई |