रविवार, 1 जनवरी 2012

सफ़दर को समर्पित


सलीम लंगडे पे मत रो: सफ़दर को समर्पित


मानव जीवन का क्या मूल्य है? फ़िर चाहे वह पडोस का को कोई मौत हो या हिरोशीमा में मारे गए हज़ारो लोग, इनके जीवन की भला क्या उपयोगिता?प्रशासन सरकारी छोटी सी छोटी सरकारी संपत्ति की सुरक्षा को लेकर सजग रही है, लेकिन क्या वह आम आदमी को भी लेकर ‘संवेदनशील’ है ?

सिनेमा ने ‘प्रश्न’ को कई बार शिद्दत से उठाया है...

फ़िल्म निर्देशक सैइद मिर्ज़ा भी ‘सलीम लंगडे पे मत रो’ माध्यम से ‘आम आदमी’ के जीवन मूल्य को लेकर उठाते हैं । मुख्य पात्र ‘सलीम’ की भूमिका पवन मल्होत्रा ने निभाई थी, मकरंद देशपांडे, आशुतोष गवारिकर सलीम के दोस्तों के रूप में हैं ।

सफ़दर हाश्मी को समर्पित यह फ़िल्म ‘ सफ़दर हाश्मी के लिए’ संदेश से शुरू होती है ।